क्या हो जायेगा रेलवे का निजीकरण, हाल ही में लिए गए रेलवे बोर्ड के निर्णयों से लगता है तो यही है की अब रेलवे का निजीकरण शुरू हो चुका है।

  • तीन साल में दौड़ेंगी 151 प्राइवेट ट्रेनें
  • 109 व्यस्ततम रूट पर दौड़ेंगी प्राइवेट ट्रेनें
  • रेलवे के सभी प्रमुख स्टेशन होंगे प्राइवेट
  • प्राइवेट कम्पनियाँ तय करेंगी ट्रेनों का स्टॉपेज
  • रेलवे की सभी प्रोडक्शन यूनिट्स एवं वर्कशॉप्स बनेंगी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU)
  • डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) में चलेंगी प्राइवेट मालगाड़ियाँ
  • बुलेट ट्रैन भी होगी प्राइवेट
  • प्राइवेट गाड़ियों का, स्टेशनों का संचालन किसके हाथों में होगा?

मेरी भारतीय रेल, जिसको Life Line of the Nation भी कहते हैं, बदलावों के दौर से गुजर रही है। पता नहीं इसका भविष्य BSNL जैसा होगा या, जापान रेल जैसा होगा। भारतीय रेल जो अपनों को मिलाती है, लाखों लोगों को रोजगार देती है, और करोड़ों के जीवन को संवारती है।

भारतीय रेल में हो रहे बदलाव दिनों दिन रेलवे के निजीकरण की कहानी लिख रहे हैं। रेलवे के सभी स्टेशनों को डेवलपमेंट के नाम पर निजी हाथों में दिया जा रहा है। रेलगाड़ियों को स्पीड व सुविधाओं के नाम पर निजी लोगों को बेच दिया गया है। रेलवे के सभी कारखानों को PSU बनाकर, उनको भी बेचने की तैयारी लगभग पूरी कर ली गयी है। निजी स्टेशनों, रेलगाड़ियों, एवं कारखानों को चलाने वाले लोग भी निजी कंपनियों के हाथों में होंगे।

private trains

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तीन साल में दौड़ेंगी 151 प्राइवेट ट्रेनें- रेलवे का निजीकरण

अगले तीन साल में, 2023 तक 151 प्राइवेट ट्रैन चलाने के लिए सरकार ने हरी झंडी दे दी है। ये रेलगाड़ियाँ प्रमुख शहरों के बीच चलाई जाएँगी। ये कहाँ रुकेंगी, इसका निर्णय प्राइवेट लोग करेंगे। इनकी रफ़्तार तेज होगी, ये समय से चलेंगी। इनको चलाने के लिए निजी कंपनियों के ड्राइवर, गार्ड होंगे। इनमें यात्रियों के लिए अधिक सुविधाएँ उपलब्ध करायी जाएँगी, जिसके लिए अधिक किराया वसूला जायेगा। ये एक शुरुआत है, आगे और भी प्राइवेट ट्रैन चलायी जाएँगी। ये ट्रेनें, वर्तमान में चल रही तेजस ट्रेनों के अतिरिक्त चलायी जाएँगी।

109 व्यस्ततम रूट पर दौड़ेंगी प्राइवेट ट्रेनें- रेलवे का निजीकरण

इन प्राइवेट ट्रेनों को प्रमुख शहरों के बीच चलाया जायेगा। आज चल रही प्रमुख ट्रेनों का स्थान, ये प्राइवेट ट्रेनें ले लेंगी। इसलिए ये पहले से सुनिश्चित किया जायेगा की इनको किसी प्रकार का कोई घाटा न हो। प्रमुख शहरों के बीच, प्रमुख समयों पर, हाई रफ़्तार से चलने वाली इन प्राइवेट ट्रेनों को प्रमुखता से चलाया जायेगा।

रेलवे के सभी प्रमुख स्टेशन होंगे प्राइवेट –

रेलवे के सभी स्टेशनों के डवलपमेंट के लिए रेलवे बोर्ड ने इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (IRSDC) को दे दिया है। IRSDC, रेलवे स्टेशनों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड़ पर डेवलप करेगी।

IRSDC will develop self-sustainable railway stations in the country with high standards of safety, comfort, user friendly passenger amenities, value added services and efficiency by adopting the best technological practices, sound financial strategy and optimum utilization of resources.

Station Redevelopment


इन स्टेशनों का संचालन पूर्ण रूप से निजी कंपनियों के पास होगा। इन स्टेशनों पर बड़े बड़े मॉल्स, होटल्स, रेस्टोरेंट्स बनेंगे। प्लेटफार्म टिकट से लेकर, सभी गतिविधियों/सुविधा शुल्कों का निर्धारण प्राइवेट कम्पनियाँ करेंगी। इन स्टेशनों के प्रबंधन का सम्पूर्ण जिम्मा निजी लोगों के हाथों में होगा।

Stations under Redevelopment by IRSDC

रेलवे की सभी प्रोडक्शन यूनिट्स एवं वर्कशॉप्स बनेंगी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU)

प्रोडक्शन यूनिट्स को PSU में बदलने के लिए पिछले साल ही योजना बना ली थी। PSU में बदलने के पश्चात इनको निजी हाथों में देना आसान हो जायेगा।

अन्य देशों में रेलवे के निजीकरण का इतिहास –

विश्व के कई अन्य देशों में भी रेलवे का निजीकरण हो चुका है जैसे- यूनाइटेड किंगडम, जापान, कनाडा, स्वेडन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड आदि। इजिप्ट में भी शुरुआत हो चुकी है।भारतीय रेलवे का आने वाले दिनों में सफर कैसा रहेगा, ये देखने वाली बात होगी। लेकिन देश में बेरोजगारी, गरीबी जैसी समस्याएं कब तक बनी रहेंगी, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है।

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